पद्म सम्मान से इस साल सम्मानित होनेवाली हस्तियों की लिस्ट जारी हो चुकी है। बॉलिवुड के लोग सदमे में हैं और हैरान भी क्योंकि शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में इस साल न तो बॉलिवुड के किसी सितारे का नाम है, न किसी संगीतकार या सिंगर का और न ही किसी निर्माता या निर्देशक का। वेस्टर्न इंडिया फेडरेशन ऑफ सिने एम्प्लॉइज के अध्यक्ष बी.एन.तिवारी ने अफसोस जताते हुए कहा, 'हैरानी होती है कि देश की सबसे प्रमुख और इतनी बड़ी फिल्म इंडस्ट्री में एक भी ऐसा कलाकार या गायक या संगीतकार या टेक्नीशियन नहीं मिला, जिसकी उपलब्धियों या सामाजिक योगदान को पद्म विभूषण या पद्मभूषण या पद्मश्री से सम्मानित किया जा सके?' उनका मानना है कि कोरोना के संकटकाल के दौरान मुंबई में फंसे हजारों लोगों को बस, रेल और विमान से सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने वाले अभिनेता सोनू सूद को तो उनकी अनोखी समाज सेवा के लिए कम से कम 'पद्मश्री' से नवाजा जाना चाहिए था। गौरतलब है कि अनेक संस्थाओं तथा जानी-मानी हस्तियों ने कोरोना काल में सोनू सूद के अदम्य साहस और अभूतपूर्व जनसेवा के लिए उन्हें पद्म सम्मान दिए जाने की मांग की थी और बाकायदा केंद्रीय गृह मंत्रालय का नामांकन पत्र भी भरा था, लेकिन पद्म पुरस्कारों की चयन समिति ने सोनू सूद को शायद अपनी कसौटी पर खरा नहीं पाया। वैसे, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के बाद जिस तरह विवादों का तांडव शुरू हुआ और ड्रग्स के सेवन तथा व्यापार में लिप्तता के आरोपों के कारण बॉलिवुड की बदनामी हुई, उसने पद्म पुरस्कारों की रेस में इसका पत्ता साफ कर दिया। पिछले साल करण जौहर और एकता कपूर को पद्मश्री से नवाजा गया था, लेकिन उनकी बदनामी और विवाद के बाद उनके नाम की सिफारिश करने वाले मंत्री जी आज भी सकपकाए हुए हैं। इस बार बॉलिवुड की गलियों में धर्मेंद्र, विवेक ओबेरॉय, रणवीर सिंह, मनोज तिवारी, मुकेश खन्ना, अरुण गोविल, बप्पी लाहिड़ी, सोनू निगम जैसे नाम चर्चा में थे लेकिन यह चर्चा ही बनकर रह गई। इन्हें मिला पद्म सम्मान इस साल पद्म सम्मान के लिए घोषित 119 नामों में से केवल पांच हस्तियां ऐसी थीं, जो सिनेमा से जुड़ी थीं और हिंदी फिल्मों में भी जिनका योगदान रहा। कोरोना से दिवंगत हुए तमिलनाडु के पार्श्वगायक एस.पी. बालसुब्रमण्यम (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से नवाजा गया है। 'एक दूजे के लिए', 'रोजा', 'मैंने प्यार किया', 'साजन' जैसी फिल्मों में उनके गाए गीत सुपरहिट रहे। गुजराती सिनेमा की हस्तियों महेश कानोडिया और नरेश कानोडिया को भी मरणोपरांत पद्मभूषण से नवाजा गया। महेश-नरेश की जोड़ी ने हिंदी फिल्म 'छोटा आदमी' बनाई थी और संगीत दिया था। नरेश हीरो बने थे। गरीब मिल मजदूर के दोनों बेटों ने कामयाबी का इतिहास रचा। बीजेपी को समर्पित महेश कानोडिया चार टर्म सांसद रहे और नरेश कानोडिया दो टर्म विधायक रहे। केरल की पार्श्वगायिका चित्रा को पद्मभूषण मिला है, जिन्होंने 'पिया बसंती रे' तथा 'हम तुमसे न कुछ कह पाए' गाकर सबका दिल जीता और 'विरासत' के गीत 'पायलें चुनमुन चुनमुन' के लिए बेस्ट सिंगर का नैशनल अवॉर्ड हासिल किया। पद्मश्री से सम्मानित केरल की पार्श्वगायिका बॉम्बे जयश्री मुंबई में पली-बढ़ीं और चेंबूर के स्कूल तथा माटुंगा के कॉलेज में पढ़ीं। 'रहना है तेरे दिल में' में गाया उनका गीत 'जरा तथा बहकता है' लोकप्रिय हुआ और 'लाइफ आॅफ पाइ' में गाई उनकी लोरी ऑस्कर के लिए नोमिनेट हुई थी। -मिथिलेश सिन्हा
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