बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत की बहन मीतू सिंह के खिलाफ एफआईआर को खारिज कर दिया है। हालांकि, बहन प्रियंका सिंह पर हुई एफआईआर को खारिज नहीं किया गया है। बता दें, सुशांत की मौत के मामले में मुख्य आरोपी रहीं रिया चक्रवर्ती ने सुशांत की बहनों पर बिना मेडिकल सलाह और फिजिकल कंसल्टेशन के दवा देने का आरोप लगाया था। रिया ने प्रियंका, मीतू और एक डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। पिछले साल सितंबर में दर्ज करवाई गई इस शिकायत पर सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। क्या था रिया का आरोप? रिया का आरोप था कि बहनें बिना डॉक्टर की सलाह के सुशांत को ऐंटी-डिप्रशन की दवाइयां दे रही थीं। रिया ने कहा था कि जून में सूइसाइड से पहले एक गलत प्रिस्क्रिप्शन का इस्तेमाल किया गया ताकि सुशांत नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेस ऐक्ट के तहत बैन दवाइयां ले सकें। सुशांत की बहनों ने किया कोर्ट का रुख इसके बाद सुशांत की बहनों ने हाई कोर्ट की ओर रुख किया था और इस एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। सुशांत के फैमिली वकील विकास सिंह ने बताया था कि रिया की एफआईआर 'काउंटर केस' था क्योंकि वह खुद सीबीआई जांच के घेरे में हैं। इस केस पर सीबीआई का कहना था कि अगर रिया को सुशांत और बहन प्रियंका के बीच जून 2020 में हुई मोबाइल फोन चैट के बारे में पता था और अगर उसी दौरान प्रियंका ने सुशांत को झूठा प्रिस्क्रिप्शन भेजा था तो रिया को सितंबर तक इस बारे में चुप्पी साधे नहीं रखनी चाहिए थी। कोर्ट ने क्या कहा था? सुशांत की बहनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत एक शांत, निर्दोष और बहुत अच्छे इंसान थे। जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एम एस कार्णिक की पीठ ने राजपूत की बहनों प्रियंका और मीतू की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह टिप्पणी की थी।
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