मिर्जापुर का दूसरा सीजन आ चुका है और इसके साथ कॉन्ट्रोवर्सी भी जुड़ गई। मामला इसके एक सीन से जुड़ा है। तीसरे एपिसोड में कुलभूषण खरबंदा एक नॉवेल पढ़ते नजर आते हैं। इस सीन के प्रजेंटेशन को लेकर नॉवेल के राइटर सुरेंद्र मोहन पाठक ने आपत्ति जताई है। राइटर ने की सीन हटाने की मांग दरअसल सीन में कुलभूषण खरबंदा जो नॉवेल पढ़ रहे हैं उसका नाम 'धब्बा' है। इसमें इरॉटिक वॉइसओवर किया गया है। नॉवेल के राइटर का कहना है कि वॉइसओवर 'धब्बा' के ओरिजनल टेक्स्ट से बिल्कुल अलग है। उन्होंने इसे कॉपीराइट ऐक्ट का भी उल्लंघन बताया है। साथ ही प्रॉडक्शन हाउस को लिखकर इस सीन को हटाने की मांग की है। सुरेंद्र मोहन ने कहा, कर देंगे मुकदमा मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेंद्र मोहन पाठक का कहना है, मैं नोटिस पर उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूं। अगर दिए गए एक हफ्ते में उन्होंने जवाब नहीं दिया, तो मैं दिल्ली हाई कोर्ट में '' के मेकर्स के खिलाफ मुकदमा कर दूंगा। राइटर ने यह भी बताया कि उनको तो इस बारे में पता तक नहीं था। यह बात कुछ फैन्स के जरिये पता चली। लोग सोचेंगे फिर गया है नॉवेल राइटर का दिमाग उन्होंने बताया कि वॉइसओवर में बलदेव राज नाम के एक किरदार का जिक्र है जबकि 'धब्बा' में ऐसा कोई किरदार है ही नहीं। कई रीडर जिन्होंने ये नॉवेल नहीं पढ़ा उन पर गलत इम्प्रेशन पड़ सकता है। पाठक ने कहा, लोग सोचेंगे कि इतने बुजुर्ग होकर राइटर का दिमाग फिर गया था जो पब्लिसिटी के लिए पॉर्नोग्राफी लिख डाली। मैं इसे अपने खिलाफ साजिश मानता हूं।
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