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KBC 12 Grand Finale: 16 गोलियां खाकर भी आतंकियों को मारते रहे सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव, सुनाई करगिल युद्ध की कहानी

'कौन बनेगा करोड़पति 12' का 22 जनवरी को ग्रैंड फिनाले है, जो कर्मवीर स्पेशल होगा। इस एपिसोड में सूबेदार संजय कुमार और सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव शामिल होंगे। हॉट सीट पर बैठे दोनों परमवीर चक्र विजेता बैठे और अपने शौर्य की रोंगटे खड़े कर देने वाली गाथा सुनाई। दोनों ने करगिल युद्ध में आतंकवादियों के खात्मे में एक अहम भूमिका निभाई थी। 'हम 5 घंटों तक लगातार फायर करते रहे' सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव मात्र 19 वर्ष की आयु में परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के सैनिक हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने करगिल युद्ध की अपनी कहानी को याद करते हुए बताया, 'टाइगर हिल द्रास सेक्टर की सबसे ऊंची चोटी थी। रास्ता एक था, छोटा सा। कुछ पत्थर फिसले, हमारी भी आवाज हुई। दोनों तरफ आतंकवादियों के बंकर थे। वो हमें नहीं दिखाई दिए। इस तरह हम वहां 5 घंटों तक लगातार फायर करते रहे।' 'साथियों को अपनी आंखों के आगे एक-एक कर मरते देखा' 'आखिरकार वो पल भी आया, जिसमें मैंने अपनी आंखों के सामने अपने एक-एक साथी को खोते हुए देखा। फिर जैसे ही हम वहां से जाने लगे तो शायद उन्हें मेरे मूवमेंट का पता चला। तो उन्होंने सीधे ग्रेनेड फेंका। मैं नीचे गिर गया। मुझे आभास हुआ कि मेरा पैर कट गया। आगे एक और ग्रेनेड फटा, जिसमें मेरे मुंह का ये हिस्सा कट गया। मैं रेंगते हुए अपने साथी के पास पहुंचा। उन्होंने अपनी फील्ड पट्टी निकाली और उसकी पॉलिथीन फाड़ने के लिए हाथ उनके मुंह तक ही पहुंचा था कि आतंकवादियों ने सिर पर गोली मार दी। फिर मेरा एक और साथी था, जो मेरे बगल में था, उसके सीने में मार दिया। फिर आतंकवादियों ने आकर हमें चारों तरफ से घेर लिया। उनका लगा कि ये सब मर चुके हैं।' पढ़ें: 'हमारे जवानों के शरीरों में गोलियां दाग रहे थे पाक सैनिक, मेरे कंधे और पैरों में मारीं' सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव ने आगे बताया, 'पाकिस्तान के दो सैनिक आए और वो हमारे जवानों के शरीर के अंदर गोलियां दागने लगे। डेड बॉडी गोली लगने पर ऊपर की तरफ उछलती थीं। मैं ऐसे ही पड़ा हुआ था। सैनिकों ने मेरे कंधे में गोली मारी और फिर पैर में दो जगह मारा। मैं देख रहा था कि धुआं निकल रहा है, लेकिन उस गोली की पीड़ा को चुपचाप पड़ा सहता रहा। तब मुझे लगा कि अब नहीं बचूंगा। लेकिन वो कहते हैं ना कि जाको राखे साइंया मार सके ना कोय। जब सैनिक ने गोली चलाई तो ऊपर छाती वाली पॉकेट में रखे पर्स में 5-5 के सिक्के भी थे। जब गोली उन सिक्कों से टकराई तब मैंने अपने पास पड़े हैंड ग्रेनेड से पिन निकालकर उसके ऊपर फेंका। उसका पूरा सिर उड़ा और वह हमारे ऊपर आकर गिर गया। पाकिस्तानी सैनिकों में खलबली मच गई कि कोई तो बचा हुआ है। मेरे पास बस वही मौका था। उस पाकिस्तानी सैनिक की मैंने एक हाथ से राइफल उठाई और 4-5 पाक सैनिकों को वहीं मौत की नींद सुला दिया।' सूबेदार संजय सिंह की शौर्य गाथा, लहूलुहान होकर भी दुश्मनों को खदेड़ा सूबेदार संजय सिंह ने भी करगिल युद्ध के दौरान अपनी शौर्य की कहानी सुनाई और बताया कि दुश्मनों का मुकाबला करते वक्त वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी राइफल में गोलियां खत्म हो गई थीं। इस बीच संजय कुमार को टांगों में दो गोलियां और पीठ में एक गोली लगी। लेकिन ऐसी स्थिति में भी हौसला न खोकर संजय सिंह और पूरी टीम दुश्मनों पर टूट पड़ी। अचानक हुए हमले से पाकिस्तानी सैनिक बौखला गए और भाग खड़े हुए। 'एलओसी कारगिल' में इन ऐक्टर्स ने निभाया योगेंद्र यादव और संजय सिंह का रोल बता दें कि फिल्म 'एलओसी करगिल' में सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव और सूबेदार संजय सिंह समेत उनके साथियों की भी कहानी दिखाई गई। फिल्म में योगेंद्र यादव का किरदार मनोज बाजपेयी और सूबेदार संजय सिंह का किरदार सुनील शेट्टी ने निभाया था।


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