केस में AIIMS ने अपनी रिपोर्ट में कह दिया है कि सुशांत की मौत फांसी लगाने से हुई है, मर्डर नहीं। वहीं सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह का इस पर कुछ और कहना है। उन्होंने कहा है कि एम्स की इस रिपोर्ट को निर्णायक नहीं माना जा सकता। सीबीआई अभी भी मर्डर का केस फाइल कर सकती है। फोटो के आधार पर है timesofindia.com से खास बातचीत में विकास सिंह ने बताया, 'एम्स रिपोर्ट फाइनल कनक्लूजन नहीं है। अभी भी अपनी चार्जशीट में हत्या का केस फाइल कर सकती है।' विकास सिंह ने ये भी बताया कि AIIMS ने अपनी रिपोर्टर फोटोग्राफिक इविडेंस के आधार पर बनाई है, जो उनको दिए गए थे। उन्होंने सुशांत की बॉडी को एग्जामिन नहीं किया है। उन्होंने कहा, उनके पास पैर का एक्स-रे नहीं था, जिसे फ्रैक्चर्ड बताया जा रहा है इसलिए यह रिपोर्ट कनक्लूजिव नहीं मानी जा सकती ज्यादा से ज्यादा इसे केस में सुबूत के तौर पर रखा जा सकता है। ड्रग्स केस पर नहीं किया कॉमेंट वहीं ड्रग केस पर विकास सिंह ने कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, इससे कुछ ज्यादा निकलकर आने वाला नहीं है और सुशांत सिंह राजपूत केस से इसका कुछ लेना-देना भी नहीं है। रिया के वकील ने कहा- सच नहीं बदल सकता वहीं रिपोर्ट आने के बाद रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में सच बदल नहीं सकता। उन्हें सीबीआई के ऑफिशल वर्जन का इंतजार है। इस बीच सुशांत के परिवारवाले और उनके फैन्स एम्स की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं।
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