डिजिटल डेस्क, बर्लिन। ब्रिटेन में पाए गए कोरोनावायरस के जिस नए स्ट्रेन से पूरी दुनिया परेशान है वो स्ट्रेन जर्मनी में भी नवंबर महीने से हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। रिसर्चर्स को इस साल नवंबर में संक्रमित हुए एक बुजर्ग व्यक्ति में B1.1.7 वायरस का वैरियंट मिला है। इस बुजुर्ग की संकमण के बाद मौत हो गई है। बुजर्ग व्यक्ति की पत्नी भी इस वायरस से संक्रमित हुई थी लेकिन उसकी जान बच गई। इस बुजर्ग दंपति की बेटी ने नवंबर के मध्य में ब्रिटेन से लौटी थी, जिसके बाद उसके माता-पिता भी वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित हो गए।
हनोवर मेडिकल स्कूल (MHH) की टीमों ने जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन की पहचान की है। इन नतीजों की पुष्टि बर्लिन के चैरिट हास्पिटल की एक टीम ने की है। इस टीम में वायरोलॉजिस्ट क्रिश्चियन ड्रोस्टन भी शामिल है। इससे पहले भी जर्मनी ने एत महिला में नए स्ट्रेन का का पता लगाया था जो गुरुवार को लंदन से अपने देश लौटी थी। वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए जर्मनी समेत कई देशों ने यूके से आने या जाने पर प्रतिबंद लगा दिया है। बता दें कि कोरोनावायरस का यह स्ट्रेन सत्तर फीसदी ज्यादा संक्रामक है। जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है।
बता दें कि जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं।
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