इस्लामाबाद, 1 दिसम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक रैलियों के आयोजन पर रोक लगाने के बावजूद, विपक्षी गठबंधन पीडीएम ने मुल्तान में अपनी पांचवीं रैली की, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने का आह्वान किया गया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, मुल्तान जिला प्रशासन ने कोरोनोवायरस संक्रमण के अत्यधिक मामलों का हवाला देते हुए सोमवार की रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
पुलिस और जिला प्रशासन ने भी पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए कार्यक्रम स्थल, किला कोहना कासिम बाग स्टेडियम के आसपास कई कंटेनरों को रख दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और रैली का आयोजन किया। पीडीएम में देश के 11 विपक्षी दल शामिल हैं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज, पीडीएम और जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, बलूच्चिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी-एम) के अध्यक्ष सरदार अख्तर मेंगल, पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, उपस्थिति नेताओं में से कुछ प्रमुख नेता रहे।
हालांकि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी कोरोना से संक्रमित होने के कारण रैली में शामिल नहीं हुए थे लेकिन उनकी बहन आसिफा भुट्टो-जरदारी ने अपनी राजनीतिक शुरुआत की और रैली में भाग लिया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, मरियम नवाज ने कहा कि इमरान खान की सरकार विपक्षी दलों के आंदोलन को शांत करने के लिए महामारी का बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा, वे कोरोनावायरस को रोकने के लिए नहीं बल्कि विपक्षी दलों को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाना चाहते हैं।
आसिफा ने अपने पहले संबोधन में कहा कि जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और सेना की चुनी सरकार को जाना होगा।
इस बीच, जेयूआई-एफ प्रमुख ने भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से 13 दिसंबर को लाहौर में होने वाली पीडीएम की रैली में भाग लेने का आग्रह किया, जो कि राजधानी इस्लामाबाद की ओर संभावित मार्च से पहले सरकार और विपक्ष के बीच अंतिम आमना-सामना होगा।
वीएवी-एसकेपी
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