सना, 30 नवंबर (आईएएनएस)। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने कहा है कि यमन में इस साल की शुरूआत से अब तक 1.64 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। यमन 6 साल से खूनी संघर्ष झेल रहा है।
आईओएम ने रविवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर जारी बयान में कहा, इस साल की शुरूआत के बाद से यमन में 1.64 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, ज्यादातर लोग संघर्षों के कारण विस्थापित हुए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया है कि देश का दक्षिणपूर्वी प्रांत का मारिब वह इलाका है जहां सबसे ज्यादा विस्थापन हुआ है। यहां से 12,500 से अधिक परिवार विस्थापित हुए हैं।
इस बीच मारिब में इंटरनली डिस्प्लेस्ड पीपुल (आईडीपी) के लिए यमन की आधिकारिक इकाई ने कहा कि उसने 20 अगस्त से नवंबर के मध्य तक 54,400 विस्थापित लोग दर्ज किये हैं। रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि ज्यादातर विस्थापित लोग मारिब के दक्षिणी भाग में स्थित विभिन्न जिलों और गांवों के हैं।
सरकारी रिपोर्ट ने संकेत दिया है कि मारिब में हौदियों का हालिया सैन्य हमला नए विस्थापनों का मुख्य कारण है। यहां विस्थापितों के शिविर प्रभावित या क्षतिग्रस्त हुए हैं।
तेल समृद्ध प्रांत मारिब एक प्रमुख सैन्य वृद्धि का गवाह बन रहा है, यहां हौदियों ने पिछले हफ्तों और महीनों में सरकार द्वारा नियंत्रित प्रांत के बड़े क्षेत्रों में प्रवेश किया है। सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन से समर्थित सरकारी बल देश के उत्तरी क्षेत्रों में हौदियों के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों का नेतृत्व करने के लिए मारिब में है।
बता दें कि यमन 2014 के अंत से गृहयुद्ध में घिर गया है, जब ईरान समर्थित हौदियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी की सना के बाहर अंतरराष्ट्रीयस्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को मजबूर कर दिया था। इसके बाद सऊदी के नेतृत्व वाले अरब गठबंधन ने 2015 में यमनी संघर्ष में हस्तक्षेप किया ताकि हादी की सरकार का समर्थन किया जा सके।
एसडीजे-एसकेपी
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