डिजिटल डेस्क, बीजिंग। कोरोना वायरस का पूरे विश्व में फैलाने वाले चीन ने अब नई चाल चली है। चीन एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के हवाले से दावा कर रहा है कि कोरोना वायरस भारत में पैदा हुआ था और भारत से ही दुनियाभर में फैला। लेकिन, चीन के इन झूठे दावों को ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड राबर्ट्सन ने सिरे से नकार दिया। साथ ही कहा कि चीन के वैज्ञानिकों के इन दावों में कोई दम नहीं है। इससे कोविड से जुड़ी कोई भी नई बात पता नहीं चलती है।
चीनी वैज्ञानिकों ने कहा- पिछले साल गर्मियों में भारत से फैला कोरोना
चीन के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस भारत में पिछले साल की गर्मियों में पैदा हुआ था और बताया कि यह वायरस पहले जानवरों में फैला भी इंसानों में चला गया। यहीं से कोरोना वायरस चीन के वुहान पहुंचा था। इसी झूठे दावे को लेकर चीनी वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट भी तैयार की, जिसे ब्रिटेन के ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राबर्ट्सन ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि पहला मामला चीन से निकला था यह किसी से छिपा नहीं है।
चीन ने अधिकारिक तौर पर दिसंबर में की पुष्टि
बता दें कि चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला 17 नवंबर, 2019 को सामने आया था। एक 55 वर्षीय व्यक्ति इससे संक्रमित हुआ था। चीन ने उसकी पहचान अब तक उजागर नहीं की है।
संक्रमण वुहान के हुआनन सीफूड मार्केट से फैला
चीन के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर कोरोना संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि 8 दिसंबर, 2019 को की। साथ ही बताया कि यह संक्रमण वुहान के हुआनन सीफूड मार्केट से फैला है। जबकि अमेरिका ने इसके चीन की लैब में वायरस बनाने और इसकी जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था। एक साल बाद भी इसके फैलने की असली वजह का पता नहीं चल सका है। हालांकि बाद में इसने संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलकर पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
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