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5 फिल्‍में, जिन्‍हें देख आज भी स‍िहर उठती है रूह, याद आता है 26/11 Mumbai Terror Attack

दर्द। चीख। पुकार। खून से सनी अपनों की लाशें। बम धमाकों की स‍िहरन पैदा करने वाली आवाजें। गोलियों की गूंज। 12 साल बीत गए, लेकिन ये कुछ ऐसी वीभत्‍स यादें हैं जो आज भी हर हिंदुस्‍तानी के सीने को चीर देती हैं। सपनों के शहर मुंबई में 26 नवंबर 2008 को पाकिस्‍तान के आए दहशतगर्दों ने आतंक का ऐसा नंगा नाच किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। इंसान की शक्‍ल में हैवानों ने निर्दोष आंखों के सामने खौफ का ऐसा मंजर बनाया कि रूह कांप जाए। हम नहीं भूलेंगे। कभी नहीं भूलेंगे कि कैसे देश की मायानगरी का पानी उस दिन लाल हो गया था। कैसे आसमान बर्बरता के धुएं से काला पड़ गया था। समय की रेत में उस काले दिन की यादें अगर धुंधली पड़ भी गई हों तो इन 5 फिल्‍मों को समय निकालकर जरूर देख‍िएगा। सपनों का टूटना कैसा होता है, आतंकवाद का असली चेहरा क्‍या है, यह आपके जेह़न को झकझोर कर रख देगा।

5 Films on 26/11 Mumbai Terror Attack that captured the terrifying reality: 12 साल बीत गए। 26/11 मुंबई आतंकी हमले की यादें आज भी सिहरन पैदा करती हैं। सिनेमाई पर्दे पर 5 ऐसी फिल्‍में आईं, जिन्‍होंने उस काले दिन की सच्‍चाई और दर्द को दुनिया के सामने रखा। नहीं देखी हैं तो आज जरूर देख‍िए ये फिल्‍में।


5 फिल्‍में, जिन्‍हें देख आज भी सिहर उठती है रूह, याद आता है 26/11 Mumbai Terror Attack

दर्द। चीख। पुकार। खून से सनी अपनों की लाशें। बम धमाकों की स‍िहरन पैदा करने वाली आवाजें। गोलियों की गूंज। 12 साल बीत गए, लेकिन ये कुछ ऐसी वीभत्‍स यादें हैं जो आज भी हर हिंदुस्‍तानी के सीने को चीर देती हैं। सपनों के शहर मुंबई में 26 नवंबर 2008 को पाकिस्‍तान के आए दहशतगर्दों ने आतंक का ऐसा नंगा नाच किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। इंसान की शक्‍ल में हैवानों ने निर्दोष आंखों के सामने खौफ का ऐसा मंजर बनाया कि रूह कांप जाए। हम नहीं भूलेंगे। कभी नहीं भूलेंगे कि कैसे देश की मायानगरी का पानी उस दिन लाल हो गया था। कैसे आसमान बर्बरता के धुएं से काला पड़ गया था। समय की रेत में उस काले दिन की यादें अगर धुंधली पड़ भी गई हों तो इन 5 फिल्‍मों को समय निकालकर जरूर देख‍िएगा। सपनों का टूटना कैसा होता है, आतंकवाद का असली चेहरा क्‍या है, यह आपके जेह़न को झकझोर कर रख देगा।



होटल मुंबई (2019)
होटल मुंबई (2019)

साल 2019 में बनी इस फिल्‍म को एंथनी मैरास ने डायरेक्‍ट किया है। साल 2009 में आई डॉक्‍यूमेंट्री 'सर्वाइविंग मुंबई' से प्रेरित इस फिल्‍म ने होटल ताजमहल पैलेस पर हुए आतंकी हमले की बारीकियों को उसी दर्द के साथ दिखाया है, जो हम महसूस करते हैं। इस फिल्‍म में 'स्‍लमडॉग मिलेनियर' फेम देव पटेल से लेकर अनुपम खेर ने पर्दे पर बेहतरीन काम किया है। इस फिल्‍म के केंद्र में ताज होटल के कर्मचारी हैं, जो अपने मेहमानों को आतंकियों से बचाने में जुटे हैं। फिल्‍म में उन परिवारों का दर्द है, जिन्‍होंने अपनों को खोया है।



द अटैक ऑफ 26/11 (2013)
द अटैक ऑफ 26/11 (2013)

राम गोपाल वर्मा ने 2013 में 'द अटैक ऑफ 26/11' फिल्‍म का निर्माण किया। बॉलिवुड की यह एकमात्र फिल्‍म है, जो मुंबई हमले के हर पक्ष को दिखाती है। आतंकियों के मुंबई आने से लेकर, हमला करने की योजना, हमले के दौरान पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के बलिदान से लेकर आतंकी कसाब के पकड़े जाने और उससे सच उगलवाने तक सबकुछ। इस फिल्‍म में नाना पाटेकर ने जांच अध‍िकारी की भूमिका निभाई है। फिल्‍म में उनके साथ अतुल कुलकर्णी, गणेश यादव और साध ओरहान भी हैं।



वन लेस गॉड (2017)
वन लेस गॉड (2017)

आम तौर पर जब 26/11 जैसे आतंकी हमलों पर फिल्‍म बनती है, तो उसमें पुलिस और स्‍थानीय लोगों की कहानी के आधार पर स्‍क्र‍िप्‍ट लिखी जाती है। लेकिन 'वन लेस गॉड' थोड़ी अलग है। इस फिल्‍म की कहानी उन विदेशी पर्यटकों की दास्‍तान के आधार पर बुनी गई है, जो आतंकियों की बर्बरता का निशाना बने। फिल्‍म में एक पर्यटकों के ग्रुप और उनके सर्वाइवल कहानी दिखाई गई है। फिल्‍म में जोसेफ माल्‍हर, सुखराज दीपक, मिहिका राव और कबीर सिंह मुख्‍य भूमिकाओं में हैं।



शाहिद (2012)
शाहिद (2012)

'शाहिद' एक मुलसमान लड़के की कहानी है। उसे POTA कानून के तहत गिरफ्तार किया जाता है और खूब टॉर्चर किया जाता है। यह लड़का रिहाई के बाद वकालत की पढ़ाई करता है। केस लड़ता है। शाहिद फहीम अंसारी के लिए कोर्ट में जिरह करता है, जिस पर 26/11 के हमलों में शामिल होने का आरोप है। यह फिल्‍म मानवाध‍िकार कार्यकर्ता और वकील शाहिद आजमी की असल जिंदगी की कहानी पर आधारित है। फिल्‍म में 26/11 मुंबई हमले के एक अलग पक्ष को दिखाया गया है। फिल्‍म में राजकुमार राव लीड रोल में हैं। डायरेक्‍शन हंसल मेहता का है।



फैंटम (2015)
फैंटम (2015)

सैफ अली खान और कटरीना कैफ की इस फिल्‍म की कहानी हुसैन जैदी की किताब 'मुंबई एवेंजर्स' पर आधारित है। यह बात जगजाहिर है कि मुंबई हमले में पाकिस्‍तान से आए लश्‍कर-ए-तैयब के आतंकी शामिल थे। कबीर खान के डायरेक्‍शन में बनी यह फिल्‍म बदला लेने की भी कहानी कहती है।





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