महान गायक हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना से करीब 52 दिन तक संघर्ष करने के बाद वह जिंदगी की जंग हार गए। चेन्नई के MGM हॉस्पिटल में उनको ठीक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। उस हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक सुब्रमण्यन ने मंगलवार को एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने बाला सुब्रमण्यम के इलाज से जुड़ी बातें साझा की हैं। 'लेजंड के साथ 52 दिन' डॉक्टर ने एसपी बाला सुब्रमण्यम के साथ बिताए 52 दिनों को याद किया है। पोस्ट को टाइटल दिया है, 'इस लेजंड के साथ 52 दिन'। डॉक्टर दीपक ने बताया कि वह एसपी बाला सुब्रमण्यम के बड़े फैन रहे हैं और कई रातें उनके गाने सुनकर बिताई हैं। उन्होंने लिखा, हॉस्पिटल में रोजाना का रूटीन मेरे कमरे में भीड़भाड़ के बाद रातभर जो हुआ उसे डिसकस करना, राउंड लेना फिर ओटी जाना होता है। लेकिन बीते 52 दिन बहुत अलग थे। 4-5 घंटे मुझे उस इंसान के साथ बिताने होते थे जो मेरे दिल के बेहद करीब था। अचानक बिगड़ गई हालत लंबे लेटर में डॉक्टर दीपक ने बताया कि अगस्त में कोरोना होने के बाद जब बाला सुब्रमण्यम को आईसीयू ले जाना था तो वे लोग काफी झिझक रहे थे कि वह कैसे रिऐक्ट करेंगे। हालांकि उन्होंने तुरंत कहा, दीपक जो जरूरी हो वो करो। उन्होंने लिखा कि इस बीच कई तरह की अफवाहें चलती रहीं। वहीं उनके निधन के कुछ दिन पहले डॉक्टर्स उन्हें 20 मिनट तक बैठ पर बैठाने में सफल रहे। यह देखकर सभी बहुत खुश थे। लेकिन आखिरी के 48 घंटे में उनकी हेल्थ-कंडिशंस ने इतनी तेजी से यू-टर्न लिया कि किसी तरह के इलाज से मदद नहीं मिल सकी। डॉक्टर ने यह भी बताय कि एसपी बाला सुब्रमण्यम का कोरोना नेगेटिव हो चुका था लेकिन इस वायरस का उनकी हेल्थ पर बहुत खराब असर पड़ा था जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। डॉक्टर ने ये भी लिखा है कि उनके साथ बिताए 52 दिन उनके जीवन के सबसे यादगार पल रहेंगे।
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