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हाई कोर्ट से रिया चक्रवर्ती ने कहा- CBI को ट्रांसफर हो ड्रग्स जांच, NCB के पास अधिकार नहीं

सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग्स ऐंगल सामने आने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने दखल दिया। इस मामले में बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को ऐक्ट्रेस और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती को 6 अक्‍टूबर न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। रिया और शौविक के वकील ने गुरुवार को बॉम्‍बे हाई कोर्ट में कहा कि सुशांत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में एनसीबी को जांच शुरू करने का कोई अधिकार नहीं है। 'एनडीपीएस ऐक्ट की धारा 27 ए नहीं लगाई जानी चाहिए थी'रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस ऐक्ट की कठोर धारा 27 ए नहीं लगाई जानी चाहिए थी। यह धारा ड्रग्स के अवैध कारोबार से संबंधित है जिसमें दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ड्रग्स उनके कब्जे में नहीं मिली और आरोप लगे हैं तो यह अपराध जमानती है। बता दें कि एनसीबी ने अब तक रिया और शौविक सहित 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। 8 सितंबर को गिरफ्तार की गईं थी रिया एनसीबी ने आरोप लगाया कि रिया चक्रवर्ती 'ड्रग सिंडिकेट' की सदस्य हैं और सुशांत सिंह राजपूत के लिए कथित तौर पर कम मात्रा में ड्रग्स खरीद में शामिल हैं। रिया ने अपनी याचिका में कहा कि एनसीबी के केस में साफ है कि सिर्फ सुशांत कंज्यूमर थे। बताते चलें कि रिया को 8 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय मुंबई की भायकला जेल में हैं। यह भी पढ़ेंः 'रिया और शौविक पर गंभीर अपराध का मामला नहीं' रिया के वकील ने कहा कि अगर दोनों भाई-बहन की गिरफ्तारी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हुई है इसलिए इसे सीबीआई को ट्रांसफर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर केस को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाना चाहिए और भविष्य के सभी मामलों को भी सीबीआई को जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, '1988 के गजट के तहत सीबीआई को एनडीपीएस ऐक्ट के तहत ड्रग्स मामलों की जांच करने का अधिकार है। इस प्रकार अब तक की गई जांच अवैध है।' सतीश मानशिंदे ने कई एनडीपीएस ऐक्ट के संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि रिया और शौविक के खिलाफ गंभीर अपराध का कोई मामला नहीं बनता है। यह भी पढ़ेंः जमानत याचिका पर 29 सितंबर को होगी सुनवाई जस्टिस सारंग कोतवाल ने रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे और एनसीबी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि वे मामले में धारा 27 ए लगाने और जमानत देने या न देने संबंधी तथ्यों पर सुनवाई की अगली तारीख को विस्तार से अपनी बात रखें। कोर्ट ने वर्तमान मामलों को सुशांत सिंह राजपूत के स्टाफ मेंबर दीपेश सावंत और हाउस मैनेजर सैम्यूल मिरांडा तथा कथित ड्रग्स तस्कर अब्दुल परिहार की जमानत याचिकाओं के साथ लिस्ट कर दिया। अब जमानत याचिकाओं पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी।


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